December 15, 2024

NewDelhi: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और शिक्षा मंत्रालय के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत बीएचयू के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (आईएमएस) को अधिक वित्तपोषण और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे।

हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के अंतर्गत स्थापित नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आईएमएस, बीएचयू को सहायता अनुदान प्रदान करने में सक्षम बनाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आईएमएस बीएचयू को अनुदान से क्षेत्र के लोगों को किफायती अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि होगी। यह नैदानिक ​​देखभाल सेवाओं को बढ़ाकर रेफरल को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इससे न केवल रोगी के संतुष्टि में वृद्धि होगी बल्कि रोगी देखभाल पर खर्च में भी उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय समय-समय पर नई सुविधाओं की स्थापना और मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत आईएमएस, बीएचयू को सहायता प्रदान करता रहा है।

जे पी नड्डा ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि यह समझौता ज्ञापन केंद्र सरकार के “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण का परिणाम है, जो लोगों के लाभ के उद्देश्य से साझा लक्ष्यों के लिए विभिन्न सरकारी विभागों में सहयोग को बढ़ावा देता है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन एम्स और आईएमएस बीएचयू के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग को, जिससे ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने का मार्ग प्रशस्त होगा, विशेष रूप से नैदानिक ​​और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन, रोबोटिक्स सर्जरी, अस्पताल प्रशासन और शासन के क्षेत्रों में और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन आईएमएस, बीएचयू को विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Don`t copy text!